कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों को भरने के लिए गए गत बर्ष नवम्बर में टंकण परीक्षा ली थी। लगभग तीन महीने बाद भी इस परीक्षा का परिणाम नहीं निकला तो पूछताछ कई दौरान आयोग सचिव ने कहा है कि मौसम खराब होने के कारण जनजातीय क्षेत्र के अभ्यर्थी टंकण परीक्षा नहीं दे पाए हैं। गौरतलब है कि इन पदों की भर्ती के लिए आयोग ने पोस्ट कोड 447 के तहत पहले फरवरी 2015 और फिर सितंबर 2015 में पदों में बढ़ोतरी करके फिर आवेदन माँगे थे जिसके लिए 10 अप्रैल को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन डेढ़ साल में आयोग इस भर्ती का दूसरा चरण भज पूरा नहीं ही सका है। अभ्यर्थियों का आरोप है के चयन आयोग सरकार के प्रभाव में काम कर रहा है और भर्ती को चुनावों की दृष्टि से देरी कर रहा। हालाँकि आयोग के सचिव का बयान भी हैरानी में डालने वाला है क्योंकि पिछले वर्ष सितंबर से दिसंबर तक बारिश को बूँद तक नहीं पड़ी थी फिर अभ्यर्थियों को टंकण परीक्षा के लिए दूसरा मौका क्यों दिया जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि चयन आयोग में किसी भी परीक्षा के लिए दूसरा मौका मिल रहा है। बेरोजगार अभ्यार्थियों ने आयोग की क्रमबद्धता पर भी सवाल उठायें है उनका कहना है कि आयोग ने 2016 की लगभग सभी भर्तियों को पूरा कर लिया है किंतु जूनियर ऑफिस असिस्टेंट 447 की भर्ती 2015 से अधर में लटकी है। दो साल से इंतज़ार कर रहे हज़ारो युवाओं का भविष्य आयोग लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है।-
कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों को भरने के लिए गए गत बर्ष नवम्बर में टंकण परीक्षा ली थी। लगभग तीन महीने बाद भी इस परीक्षा का परिणाम नहीं निकला तो पूछताछ कई दौरान आयोग सचिव ने कहा है कि मौसम खराब होने के कारण जनजातीय क्षेत्र के अभ्यर्थी टंकण परीक्षा नहीं दे पाए हैं। गौरतलब है कि इन पदों की भर्ती के लिए आयोग ने पोस्ट कोड 447 के तहत पहले फरवरी 2015 और फिर सितंबर 2015 में पदों में बढ़ोतरी करके फिर आवेदन माँगे थे जिसके लिए 10 अप्रैल को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन डेढ़ साल में आयोग इस भर्ती का दूसरा चरण भज पूरा नहीं ही सका है। अभ्यर्थियों का आरोप है के चयन आयोग सरकार के प्रभाव में काम कर रहा है और भर्ती को चुनावों की दृष्टि से देरी कर रहा। हालाँकि आयोग के सचिव का बयान भी हैरानी में डालने वाला है क्योंकि पिछले वर्ष सितंबर से दिसंबर तक बारिश को बूँद तक नहीं पड़ी थी फिर अभ्यर्थियों को टंकण परीक्षा के लिए दूसरा मौका क्यों दिया जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि चयन आयोग में किसी भी परीक्षा के लिए दूसरा मौका मिल रहा है। बेरोजगार अभ्यार्थियों ने आयोग की क्रमबद्धता पर भी सवाल उठायें है उनका कहना है कि आयोग ने 2016 की लगभग सभी भर्तियों को पूरा कर लिया है किंतु जूनियर ऑफिस असिस्टेंट 447 की भर्ती 2015 से अधर में लटकी है। दो साल से इंतज़ार कर रहे हज़ारो युवाओं का भविष्य आयोग लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है।