शुक्रवार को पच्छाद के सराहां में हुए सड़क उद्घाटन लोगों के लिए अभी भी रहस्य बने हुए हैं दरअसल उन्हें पता ही नहीं चल रहा है कि बस को हरी झंडी दिखाकर सड़कों का उद्घटान किया गया या फिर ये बस के ट्रायल की प्रक्रिया थी। हालांकि स्थानीय स्तर पर इन्हें उद्घाटन के तौर पर प्रचारित किया गया। सम्बंधित अधिकारीयों कि माने तो यह कोई उद्घाटन नहीं केवल सड़कों के ट्रायल की प्रक्रिया थी। याद दिला दें कि शुक्रवार को पूर्व विधायक ने सराहां-मताहन व मढ़ीघाट-कैरी-शुतिया सड़क का बस को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया था।
जिन पर क्रमशः 39 व 55 लाख व्यय होने की बात कही गई। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो नेता व अधिकारी बस में न बैठकर छोटे वाहनों से बस के पीछे पीछे चले रहे जबकि इन सड़कों पर स्वारियों से भरी बस को ले जाने में परिवहन निगम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। कई स्थानों पर बस के अटक जाने पर से अफरातफरी भी मची लेकिन चालक की सूझबूझ से कई घण्टों में बस अपने गन्तव्य तक पहुंच पाई। हालांकि इससे सम्बंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना स्वभाविक है जिन्होंने सड़क को पास किए बिना ही उसमें यात्री बिठा दिए।पच्छाद के विधायक पहले ही शुक्रवार को हुए उद्घाटनों पर सवाल उठा चुके हैं। दूसरी तरफ दबी जुबान में अधिकारी भी इसे सही नहीं मानते लेकिन मजबूरी क्या नहीं करवा देती। अधिकारीयों की हालत कुछ ऐसी हैं।
बताते चलें कि पिछले 2 दशक से बन रही कैरी शुतिया सड़क अब तक 6 उद्घाटन देख चूकि है। आमतौर पर उद्घाटन किसी भी कार्य के पूरा होने पर होते हैं मगर यहां यह कार्य एक बार में नहीं बल्कि किश्तों में हो रहे हैं। 2 उद्घाटन पिछली बीजेपी सरकार ने जबकि 4 उद्घाटन इन 4 सालों में हो चूके हैं। सराहां से मताहन के लिए जिस सड़क पर बस चलाई गई यह हिमाचल निर्माता डॉ वाई एस परमार के समय की बनी है। जिसे सराहां की पेयजल योजना के लिए बनाया गया था। उसके बाद इसे पुल बनाकर मताहन तक अवश्य बढ़ाया गया। एसवीएन कालोनी से गुजरने वाली इस सड़क को पंचायत ने न केवल पक्का किया हुआ है बल्कि टाइलें भी लगाई हैं।
शुक्रवार को विभाग ने पच्छाद की 2 सड़कों के उद्घाटन करवाए जिसमे बस ट्रायल व उद्घाटन एक साथ किए। इन सड़कों में जहां जहां बस निकलने में दिक्कतें आई उन प्वाइंट्स को चौड़ा किया जा रहा है-महेश सिंघल एक्सियन पीडब्ल्यूडी।
पच्छाद में शुक्रवार को किसी भी सड़क का उद्घाटन नहीं हुआ केवल 2 सड़कों के ट्रायल हुए हैं। ये सड़कें अभी बस चलने लायक नहीं हैं-संजीव विष्ठ आरएम एचआरटीसी।