टैक्स से जुड़ी याचिका का जवाब समय पर दाखिल न करने को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्टेट एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को कड़ी चेतावनी दी है. अदालत ने कहा कि बार-बार अवसर दिए जाने पर भी एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग टैक्स संबंधी याचिका का समय पर जवाब दाखिल नहीं कर रहा है. यदि विभाग का यही रवैया रहा तो अदालत को राज्य सरकार को ऐसे सभी जिम्मेदार अफसरों को बदलने के आदेश जारी करने पड़ेंगे.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “यह बार-बार देखा गया है कि राज्य एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट को अदालत की तरफ से समय-समय पर जवाब दायर करने के लिए आदेश जारी किए गए, परंतु विभाग अपना जवाब दाखिल नहीं कर रहा है. ये भी पाया गया है कि विभाग हमेशा तीन महीने के बाद जवाब दाखिल कर रहा है. इससे न केवल अदालत को असुविधा हो रही है, बल्कि ऐसे मामलों के निर्णय में भी बाधा आ रही है, जिन मामलों में कई करोड़ रुपए की राशि दांव पर लगी है.”
टैक्स से जुड़ी उपरोक्त याचिका का जवाब दाखिल न होने पर अदालत ने कहा कि इस मामले में भी विभाग को 24 अप्रैल 2025 को नोटिस जारी किए गए थे. इतना होने पर भी विभाग ने 1 मई 2025, 08 मई 2025 और 29 मई 2025 को जवाब दाखिल करने के लिए हर बार समय मांगा. अब विभाग की तरफ से फिर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा जा रहा है. खंडपीठ ने सख्त लहजे में कहा कि अब समय आ गया है कि आबकारी विभाग खुद सुधार कर ले, अन्यथा अदालत को आयुक्त/विधि अधिकारी या दोषी अधिकारी या उनमें से किसी एक या सभी को बदलने के लिए राज्य सरकार को कहना पड़ सकता है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर सकारात्मक जवाब दाखिल किया जाए, अन्यथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित हों. खंडपीठ ने अब इस मामले पर सुनवाई 04 जुलाई को निर्धारित की है