हिमाचल प्रदेश भाजपा की कमान एक बार फिर डॉ. राजीव बिंदल के हाथों में सौंपी यानी लगभग तय हो गई है।सोमवार को भाजपा संगठन चुनाव अधिकारी राजीव भारद्वाज की देखरेख में दीपकमल, शिमला में संपन्न हुए चुनाव में डॉ. बिंदल को तीसरी बार सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष के लिए अनुमोदित किया गया है। जिसकी घोषणा कल यानी एक जुलाई को पीटर हौफ में केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के द्वारा विधिवत रूप से की जाएगी।
यह जानकारी प्रेस ब्रीफ करते हुए चुनाव प्रभारी राजीव भारद्वाज द्वारा दी गई। चुनाव प्रभारी राजीव भारद्वाज ने बताया कि उनके पास प्रदेश अध्यक्ष के लिए केवल एक ही नाम नामांकित हुआ। उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए उन्हें तीन सेटों का अनुमोदन प्राप्त हुआ। पहले सेट में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नतृत्व में
सभी विधायक दल के द्वारा समर्थन दिया गया।
दूसरे सेट में सांसद अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में सभी सांसदों के द्वारा समर्थन दिया गया। तीसरे सेट का अनुमोदन उपाध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी के सभी पदाधिकारी के द्वारा दिया गया।
2:00 बजे के बाद चुनाव प्रभारी राजीव भारद्वाज के द्वारा प्रेस ब्रीफ के दौरान बताया गया कि नामांकन वापस लेने का समय शाम के 5:00 बजे तक का रखा गया है। अब यदि कोई नामांकन वापस नहीं लेता है। तो कल यानी 1 जुलाई मंगलवार को एक भव्य कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र के द्वारा विधिवत रूप से प्रदेश अध्यक्ष और आठ राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की घोषणा की जाएगी।
बरहाल डॉ राजीव बिंदल को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर हिमाचल भाजपा में चल रही कथित गुटबाजी पर विराम लगाने और आने वाले समय में पार्टी को और अधिक मजबूती प्रदान करने वाला माना जा रहा है।इस चुनाव प्रक्रिया में पार्टी उपाध्यक्ष और केंद्रीय पर्यवेक्षक तथा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे।
चुनाव में सबसे बड़ी बात यह रही कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल डॉ. राजीव बिंदल का ही नामांकन दाखिल किया गया। उनके नाम का अनुमोदन पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित सभी सांसदों, विधायकों, और पूर्व मंत्रियों – चौधरी सुखराम, विपिन सिंह परमार, रीना कश्यप, हंसराज, जनकराज, मुल्क राज, दिलीप ठाकुर, त्रिलोक जमवाल, विक्रम सिंह और गोविंद सिंह ठाकुर ने सर्वसम्मति से किया।
डॉ. राजीव बिंदल को पुनः नेतृत्व मिलने को लेकर पहले से ही आश्वस्त थे। उन्होंने अपने नाम के अनुमोदन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। वहीं, राष्ट्रीय परिषद के लिए आठ सदस्यों के फॉर्म भी स्वीकार किए गए। निर्वाचन के अलावा, राष्ट्रीय परिषद में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और सभी सांसदों को शामिल किया गया है। जिन आठ सदस्यों का निर्वाचन हुआ है, उनमें पवन काजल, गोविंद सिंह ठाकुर, डॉ. राजीव सिंह, त्रिलोक कपूर, संजीव कटवाल, पायल वैद्य, रश्मि धर सूद, और बिहारी लाल शर्मा के नाम शामिल हैं। इन्हें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य के रूप में चुना गया है।
डॉ. राजीव बिंदल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के अनुमोदन के बाद शिमला, सोलन और उनके गृह जिला सिरमौर में भारी उत्साह देखने को मिला।
डॉ. राजीव बिंदल का निर्विरोध चुना जाना कहीं न कहीं यह पुष्टि करता है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हाईकमान से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी थी। इससे पहले सिकंदर कुमार और हर्ष महाजन जैसे नामों पर भी जोर-शोर से चर्चा थी, लेकिन अंतिम फैसला बिंदल के पक्ष में गया। यह निर्णय प्रदेश भाजपा में एक स्पष्ट संदेश देता है कि केंद्रीय नेतृत्व अब गुटबाजी को समाप्त कर एक मजबूत और एकजुट संगठन चाहता है।
इसके साथ ही, यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में किसी भी प्रदेश का प्रदेशाध्यक्ष केवल संगठन का नेतृत्व करेगा और उन्हें चुनावी मैदान में उतरने से दूर रखा जाएगा। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह हो सकती है कि चुनाव के दौरान जहां संगठन को एकजुटता के साथ मजबूत करने की आवश्यकता होती है, वहीं प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष का चुनावी मैदान में उतरना न केवल पार्टी के लिए बल्कि खुद प्रत्याशी के लिए भी निराशाजनक साबित हो सकता है। यह नई रणनीति भाजपा को चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए संगठनात्मक शक्ति पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकती है। डॉ. बिंदल के नेतृत्व में अब हिमाचल भाजपा के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर पैनी नज़र रहेगी।