स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री के शिमला शहर में पानी की कमी को लेकर कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकतर समय कांग्रेस की सरकार सत्तासीन रही है और कांग्रेस सरकार जिसमें मुकेश अग्निहोत्री स्वयं वरिष्ठ मंत्री रहे हैं, ने कभी भी शिमला शहर के लिये पानी की कोई योजना बनाने की पहल नहीं की, जिसका खामियाजा आज शिमला शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यही नहीं,े शिमला नगर निगम पर भी कांग्रेस ही अधिकांश समय तक काबिज रही है और उन्होंने भी कुछ नहीं किया।
परमार ने कहा कि यदि कांग्रेस की सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत पहले शिमला शहर में होने वाली पानी की कमी की आशंका के चलते कोई परियोजना बनाई होती, तो आज समस्या इतनी गंभीर नहीं होती। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार शिमला शहर के लिये कभी कोल डैम तो कभी सतलुज अथवा पब्बर नदियों से पानी लाने का लॉलीपॉप दिखाती रही, लेकिन कभी भी इसपर ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा प्रदेश के सभी लोग इस बात से परिचित है कि पिछले कई महीनों से वर्षा नहीं हुई है, जिसके चलते राज्य के सभी नदी व नाले या तो पूरी तरह से सूख चुके हैं, अथवा जल स्तर बहुत नीचे चला गया है।
यहां तक कि पानी की अनेकों योजनाओं सूखे के लम्बे अंतराल के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। इसके बावजूद भी हमारी सरकार शहर के लोगों को पानी उपलब्ध करवाने के लिये संजीदा है और मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर स्वयं पानी की आपूर्ति की निगरानी कर रहे हैं और नित्य प्रति इस संबंध में उच्च स्तर पर बैठकें करके शिमला शहर के लिये पानी की प्राप्ति तथा इसके वितरण की समीक्षा कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है और पानी वितरण को लेकर हर रोज रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है।
मंत्री ने कहा कि शिमला शहर को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये इसे तीन अंचलों में बांटा गया है और प्रत्येक अंचल में अलग-अलग दिनों की जा रही पानी की आपूर्ति की समय सारिणी एक दिन पूर्व मीडिया में जारी की जा रही है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे अपनी समय सारिणी के अनुसार पानी प्राप्त कर सकें। सरकार के इन प्रयासों की लोगों ने भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस व्यवस्था के कारण अगले एक-दो दिनों में सभी को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी।
परमार ने कहा कि केन्द्र सरकार भी शिमला शहर की पेयजल संकट के प्रति गंभीर है और इसके स्थाई समाधान के लिये प्रदेश सरकार से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है ताकि इस समस्या का स्थाई समाधान हो सके।मंत्री ने मुकेश अग्निहोत्री को सलाह दी कि वह पानी की आपूर्ति को लेकर घड़ियाली आंसू न बहाए और न ही जनता को गुमराह करने की कोशिश करें। अच्छा होगा कि ऐसी परिस्थितियों में वह तथा कांग्रेस के लोग सरकार के प्रयत्नों में शामिल होकर लोगों की सुविधा के लिये कुछ योगदान दें। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि आज जो पानी का संकट सामने आया है, वह कांग्रेस की सरकारों द्वारा शिमला शहर के लिये कोई ठोस योजना न बना पाना तथा शहर की अनदेखी का नतीजा है।