(विजय ठाकुर) हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के नगरोटा सुरियां में डॉक्टरों की बेहरमी का मामला सामने आया है। इंसानियत एक बार फिर शर्मसार हो गई। महिला पांच घंटे तड़प-तड़प कर मर गई। हार्ट अटैक आए मरीज को नगरोटा सूरियां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समय पर एंबुलेंस और ऑक्सीजन मुहैया हो जाती तो जान बच सकती थी ।
मंगलवार को लंज निवासी 70 वर्षीय विधवा चींभ देवी को हार्ट अटैक आया। परिजन सुबह नौ बजे मरीज को लेकर नगरोटा सूरियां अस्पताल पहुंच गए थे।मरीज को डॉक्टर ने टांडा भी रेफर कर दिया था लेकिन 5 घंटे तक इंतजार करने के बाद भी अस्पताल प्रशासन 108 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पाया। मरीज को पांच घंटे तड़पता देख समाज सेवी बलजीत मेहरा ने अपनी जेब से पैसे देकर गाड़ी में टांडा भेज दिया लेकिन देरी होने के कारण टांडा मेडिकल कालेज के डॉक्टर नहीं बचा पाए और रात करीब 12 बजे गरीब महिला चींभ ने दम तोड़ दिया। इस हादसे से प्रदेश सरकार की नालायकी खुल कर सामने आई है ।