( जसवीर सिंह हंस ) khabronwala.co.in की खबर का असर ही है कि आज खबर को पढ़कर ही उमंग फाउंडेशन शिमला के अध्यक्ष और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रो. अजय श्रीवास्तव ने सिरमौर के उपायुक्त बीसी बडालिया को पत्र लिख कर माँग की है कि पांवटा साहिब में सड़क के किनारे बेसहारा हालत में रह रही एक मनोरोगी महिला के जीवन की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाये जाएँ। उन्होंने कहा कि क़ानून के मुताबिक उस महिला के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करा कर उसका इलाज और उसे सुरक्षित आश्रय में भेजना प्रशासन का दायित्व है।
प्रो.अजय श्रीवास्तव ने पत्र में कहा कि उक्त महिला काफी समय से बद्रीपुर में शिव मंदिर में सड़क के किनारे बेसहारा हालत में रह रही है। इन हालात में उसकी सुरक्षा और जीवन को खतरा हो सकता है। प्रशासन तुरंत उसकी सुध ले और उसके मौलिक अधिकारों जैसे जीवन और स्वास्थ्य के अधिकारों का संरक्षण करे।
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष ने पत्र में बताया कि उनकी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि मशोबरा, शिमला स्थित राज्य सरकार के नारी सेवा सदन की मनोरोगी महिलाओं के लिए अलग आश्रय स्थल खोला जाए। इसके बाद सामजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने वहां से 29 महिलाओं को मनाली के कलाथ स्थित आदर्श मानसिक विकलांग महिला संस्थान में भेज दिया।
पांवटा साहिब की मनोरोगी बेसहारा महिला को भी मनाली स्थित संस्थान में भेजा जाना चाहिए। एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित इस आश्रय स्थल को सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग आर्थिक सहायता देता है। प्रो.श्रीवास्तव के अनुसार उपायुक्त बीसी बडालिया ने इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।