नशे की बढ़ती प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक स्कूल में नशा निवारण सर्तकता समितियां गठित की जाएगी। उपायुक्त विवेक भाटिया ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या बिलासपुर में आयोजित शैक्षणिक संस्थानों में नशा मुक्त बिलासपुर अभियान का शुभारंभ करते हुए विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस सतर्कता समिति में मैंटर(परामर्शदाता) शारीरिक अध्यापक, मनोचिकित्सक, एसएमसी से सदस्य के अतिरिक्त स्कूल के अध्यापकों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शारीरिक अध्यापक विद्यार्थियों को स्कूल की खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगें ताकि उनका रूझान नशे की ओर न हो। उन्होंने बताया कि मनोचिकित्सक नशे में लिप्त बच्चों के लक्षणों की पहचान करेंगे तथा विद्यार्थियों में नशे से होने वाले मानसिक, शारीरिक और सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में अवगत करवाने के अतिरिक्त नशे से ग्रस्त युवाओं को नशे की लत से बाहर कैसे निकालना है के बारे में जागरूक करेंगे। जबकि अभिभावक और स्कूल प्रबन्धन समितियां व अध्यापक वर्ग विद्यार्थियों पर विशेष निगरानी रखेंगे ताकि स्वस्थ और सुदृढ़ भारत की परिकल्पना साकार हो सके। उन्होंने कहा कि जिला में नशे का अवैध काराबोर करने वाले माफिया पर पुलिस विभाग द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है और नशा माफियों को पकड़ने में लगातार सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि आमजन का दायित्व बनता है कि वे नशे का व्यापार करने वाले लोगों की जानकारी पुलिस तक पहुचाएं ताकि बिलासपुर को नशा मुक्त बनाने का सपना साकार हो सके।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिला भर के स्कूलों में रैली, भाषण, नारा लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की गई और प्रातःकालीन की सभाओं में मैंटर व स्कूल मुखियों द्वारा नशा विरोधी शपथ दिलाई गई। उन्होंने बताया कि जिन घरों में धूम्रपान आम होता है, उन घरों के बच्चे न चाहते हुए भी जन्म से ही धूम्रपान की दुष्प्रभावों के शिकार हो जाते हैं। पेसिव स्मोकिंग या सेकंड हैंड स्मोकिंग भी उतनी ही समस्याएँ पैदा करती हैं जितनी किसी धूम्रपान करने वाले को हो सकती है। बच्चों में यह समस्या और गंभीर इसलिए हो जाती है, क्योंकि उनका विकास हो रहा होता है। साथ ही उनकी साँस लेने की गति भी वयस्कों से अधिक होती है। उन्होंने युवाओं से आहवान किया कि वे स्वयं नशे से दूर रहे और अन्य युवाओं को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।