रोहतांग टनल के पास फंसे 500 लोगों का हंगामा , लाहुल जाने बाले लोगों ने की सरकार के खिलाफ नारेबाजी

( नीना गौतम ) एशिया की सबसे ऊंची रोहतांग टनल के पास देर रात तक हंगामा चला हुआ है। कुल्लू में फंसे लाहुल-स्पीति के लोगों ने टनल के द्वार पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है और टनल के रास्ते न भेजने का आरोप लगाया है। गौर रहे कि बीआरओ ने बर्फबारी के बाद रोहतांग दर्रा बहाल कर दिया था और आज कई वाहन दर्रा के आर-पार किए गए लेकिन दोपहर बाद जब मौसम खराब हुआ तो रोहतांग के रास्ते से सभी वाहनों को यह कहकर वापस भेजा कि रोहतांग से आगे रास्ता खराब है और जो लोग फंसे हैं उन्हें टनल के रास्ते से भेजा जाएगा। लेकिन फंसे वाहन जैसे ही टनल के पास पहुंचे तो वहां से उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी। जिस कारण वहां फंसे लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की यह नारेबाजी समाचार लिखे जाने तक जारी थी और अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ था।

बताया जा रहा है कि 500 से अधिक लोग टनल के पास फंसे हुए हैं। सनद रहे कि मिशन रोहतांग पर डटे बीआरओ को सोमवार देर रात कामयाबी हाथ लगी है। रोहतांग दर्रे के दोनों छोर जहां बीआरओ ने मिला लिए हैं, वहीं मंगलवार को दर्रे से वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई थी। ऐसे में जहां कबायालियों की दिक्कतें कुछ हद तक कम हुई थी, वहीं जल्द ही लाहुल में जनजीवन भी पटरी पर लौट आने की उम्मीद थी। भारी बर्फबारी होने से जहां रोहतांग दर्रे को बहाल करना बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ था, वहीं सीमा सड़क संगठन के जवानों ने कड़ी मेहनत कर रोहतांग दर्रे के दोनों छोर सोमवार को मिलाने में कामयाबी हासिल की ।

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बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मौसम साफ होते ही मंगलवार को रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही भी शुरू करवा दी गई। रोहतांग दर्रे को बहाल करने को लेकर बीआरओ ने जहां बीते शनिवार से ही दर्रे की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया था,वहीं सीमा सडक़ संगठन ने मिशन रोहतांग को सफल बनाने के लिए अपनी तीन टीमों को दर्रे पर जहां तैनात किया था, वहीं दर्रे की बहाली का कार्य रात में भी चलता रहा। ऐसे में सोमवार देर रात जहां रोहतांग दर्रे के दोनों छोर बीआरओ ने मिलाने में कामयाबी हासिल की है, वहीं सड़क पर पड़ी बर्फ को भी हटा लिया गया ।

बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर का कहना है कि रोहतांग दर्रे की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार देर रात दर्रे के दोनों छोर मिला दिए। ऐसे में बीआरओ ने प्रयास किया कि मंगलवार को दर्रे से वाहनों की आवाजाही करवाई जा सके। उन्होंने बताया कि दर्रे पर पड़ी बर्फ को हटाना बीआरओ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह बीआरओ की एक विशेष टीम ने दर्रे का जायजा लिया उसके बाद यहां वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी। लेकिन दोपहर बाद मौसम खराब होने के कारणों से आवाजाही बंद हुई और वाहनों को यह कहकर वापस भेजा कि रोहतांग से आगे रास्ता खराब है और जो लोग फंसे हैं उन्हें टनल के रास्ते से भेजा जाएगा। लेकिन फंसे वाहन जैसे ही टनल के पास पहुंचे तो वहां से उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी। जिस कारण वहां फंसे लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की यह नारेबाजी समाचार लिखे जाने तक जारी थी और अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ था।

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