लॉकडाउन के कारण मजदूर व किसान वर्ग सबसे अधिक प्रभावित , फसल ऋण को माफ करने को आवश्यक पग तुरंत उठाएं सरकार

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण मजदूर व किसान वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हंुआ है जिसके लिए प्रदेश सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था समय रहते करनी चाहिए ताकि गरीब परिवार मजदूरी न मिलने पर भूखे न रहने की नौबत न आए   । पच्छाद कांग्रेस के महासचिव एवं पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष दिनेश आर्य ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में उत्पन्न हुई भयावह एवं आपातकालीन स्थिति में पच्छाद की सारी जनता सरकार के साथ खड़ी है और सरकार द्वारा किए प्रबंधन का पुरजोर समर्थन करती है ।


उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 92 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है और किसान इस समय बहुत दयनीय स्थिति से गुजर रहे हैं । इसके अतिरिक्त  अनेक निर्धन परिवारों को मजदूरी न मिलने के कारण दो जून की रोटी के लाले पड़ रहे हैं । दिनेश आर्य का कहना कि मार्किट में खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं और कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई स्थिति को सामान्य होने में काफी समय लग सकता है । उन्होने कहा कि दूसरी ओर  बेमौसमी बारिश के कारण किसानों और बागवानो की फसलें खेत में ही खराब हो रही है । उन्होने कहा कि लॉकडाउन से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी ठप्प हो गई है जिससे निपटने के लिए सरकार को बाजार से दुकानदारों को सामान लाने के लिए समय निर्धारित करना चाहिए ।

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दिनेश आर्य ने सरकार से मांग की है कि वर्तमान आपातकालीन परिस्थिति को मध्यनजर रखते हुए सरकारी डिपूओं से मिलने राशन में वृद्धि करने के साथ साथ विशेषकर निर्धन परिवार के लोगों को मुफ्त प्रदान  किया जाए। इसके अतिरिक्त किसानों की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए  फसल ऋण को भी माफ करने साथ फसलों को हुए नुकसान के एवज में मुआवजा प्रदान किया जाए अन्यथा किसानों को अन्य राज्यों की भांति लोन न वापिस करने की स्थिति में  आत्महत्या करने तक की नौबत आ सकती है ।

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