ग्रामीण इलाकों में घर बनाने के लिए पंचायत से लेनी होगी अनुमति : धर्माणी

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नगर एवं ग्राम योजना, आवास तथा तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि पंचायतों को टीसीपी के अधिकार देने वाला कानून जल्द लागू किया जाएगा, ताकि लोगों के जानमाल की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास लोगों को घर के करीब सुविधा देना है, ताकि उनको परेशानी न हो। शनिवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में सुनियोजित विकास की ओर आगे बढ़ रही है।

राज्य में हर वर्ष हमें आपदा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे हर वर्ष जानमाल का नुक्सान होता है। इसी कड़ी में इसे कम करने तथा लोगों की जान व संपत्ति को बचाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। इसके लिए पंचायतों की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। पंचायतों को टीसीपी के अधिकार दे रहे हैं। इसके तहत लोगों को सिंपल लाइन डायग्राम बनाकर देनी होगी।

उन्होंने कहा कि पंचायतों में तकनीकी सहायक हैं तथा कानून अभी प्रारंभिक चरण में है। इसके तहत 600 वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण को टीसीपी के दायरे में लाया गया है। इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति 1,000 वर्ग मीटर का प्लाॅट खरीदता है तो वह भी टीसीपी के दायरे में आएगा। इससे उन लोगों को बाहर रखा गया है, जिनकी यहां पर पैतृक संपत्ति है। इसके अलावा यदि स्थानीय व्यक्ति 1,000 वर्ग मीटर या इससे अधिक का निर्माण करता है तो वह भी टीसीपी के दायरे में आएगा।

सरकार का प्रयास है कि इसे जल्द लागू किया जा सके। उन्होंने लंदन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर एक स्ट्रीट के लिए वर्ष 1813 में ही कानून बना दिया गया था, लेकिन हम इसमें पीछे हैं। इससे हमें नुक्सान झेलना पड़ा है। नुक्सान को कम करने के लिए ही कानून बनाया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आईटीआई व इंजीनियरिंग कालेजों में एआई और डाटा साइंस विषय को शुरू किया जा रहा है।

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

भाजपा व आरएसएस के लोग कंगना से कहलवाते हैं अपनी बातें

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सांसद कंगना रणौत के बयान को लेकर धर्माणी ने कहा कि उनके बारे में क्या कहें। भाजपा व आरएसएस के लोग कंगना से अपनी बातें कहलवाते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार हमेशा जिम्मेदारी से काम करता आया है।

जीएसटी को लेकर श्रेय लेना है तो जिम्मेदारी भी ले भाजपा

धर्माणी ने कहा कि जीएसटी को कम करने से लोगों को फायदा होगा, लेकिन कांग्रेस पार्टी व हमारे नेता राहुल गांधी इसे गब्बर सिंह टैक्स बोलते थे तथा जीएसटी का सरलीकरण करने व इसके स्लैब कम करने की मांग कर रहे थे। भाजपा ने अब इसका श्रेय लेने के लिए पूरा प्रचार तंत्र लगा रखा है। यदि आज के समय में वह इसका श्रेय लेते हैं तो जिम्मेदारी भी लेनी होगी तथा देश के लोगों से माफी मांगनी होगी। वर्ष 2017 से आज तक अधिक जी.एस. लगाकर लोगों का शोषण किया गया है, उसके लिए भाजपा माफी मांगे।

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